भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA) भविष्य की पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) लाने पर विचार कर रही है। यह जानकारी कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक प्रदीप कुमार दास ने दी।
FPO का उद्देश्य
IREDA ने पिछले साल नवंबर में सफलतापूर्वक अपना प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाया था। अब, कंपनी का उद्देश्य आगे कर्ज देने और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए अतिरिक्त इक्विटी पूंजी जुटाना है।
वित्तपोषण की जरूरतें
IREDA ने बताया कि वे चालू वित्त वर्ष में बाजार से 24,200 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रख रहे हैं। कंपनी ने अनुमान लगाया है कि नवीकरणीय ऊर्जा और उभरते उद्योगों (जैसे हरित हाइड्रोजन, बैटरी भंडारण) की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें और अधिक पूंजी की आवश्यकता होगी।
एफपीओ का आकार और समय
IREDA के एफपीओ के आकार का अभी खुलासा नहीं किया गया है। दास ने संकेत दिया कि यह एफपीओ चालू वित्त वर्ष के अंत या अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में लाया जा सकता है। एफपीओ प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
बाजार की अनुकूलता
दास का मानना है कि वर्तमान में बाजार पूंजी जुटाने के लिए अनुकूल है। FPO कंपनी को बाजार से इक्विटी पूंजी प्राप्त करने और अपनी विकास योजनाओं का समर्थन करने की अनुमति देगा।
54EC बॉन्ड जारी करना
IREDA आयकर अधिनियम की धारा 54EC के तहत पात्र पूंजीगत लाभ कर छूट बॉन्ड भी जारी करेगा। यह निवेशकों को अपनी पूंजीगत आय पर कर लाभ प्रदान करेगा। वर्तमान में, REC लिमिटेड, पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारतीय रेलवे वित्त निगम लिमिटेड जैसी कंपनियां धारा 54EC बॉन्ड जारी करने की पात्र हैं।
निष्कर्ष
IREDA का FPO भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। यह पूंजी जुटाने, उद्योग विकास का समर्थन करने और कंपनी के भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा। FPO का विवरण, जैसे कि आकार और समय, निकट भविष्य में घोषित किए जाने की उम्मीद है।
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