
हाल ही में भारतीय शेयर बाज़ार ने लचीलापन दिखाया है, लेकिन करीब से देखने पर पता चलता है कि यह मजबूत घरेलू समर्थन और लगातार विदेशी बिकवाली के बीच एक संघर्ष है।
मजबूत घरेलू बुनियादी बातें (Fundamentals):
"जीएसटी 2.0" सुधार: जीएसटी परिषद का हालिया निर्णय, जिसमें टैक्स स्लैब को सरल बनाया गया है, एक बड़ा उत्प्रेरक (catalyst) रहा है। उम्मीद है कि इससे मांग को बढ़ावा मिलेगा और व्यवसायों, खासकर ऑटो जैसे क्षेत्रों में स्पष्टता आएगी, जिन्होंने एक बड़ी रैली देखी है। इस नीतिगत सुधार पर बाज़ार की सकारात्मक प्रतिक्रिया भविष्य की आर्थिक वृद्धि के बारे में आशावाद का एक स्पष्ट संकेत है।
मजबूत आर्थिक संकेतक: विनिर्माण और सेवा पीएमआई (PMI) जैसे उच्च-आवृत्ति वाले डेटा कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। यह एक मजबूत और विस्तारित घरेलू अर्थव्यवस्था को इंगित करता है, जो बाज़ार की स्थिरता के लिए एक ठोस आधार प्रदान करता है।
DIIs (घरेलू संस्थागत निवेशक) एक बफर के रूप में: घरेलू संस्थागत निवेशक (DIIs) लगातार खरीदारी कर रहे हैं, जिससे FIIs (विदेशी संस्थागत निवेशक) की बिकवाली का दबाव कम हो रहा है। यह "घरेलू सहारा" बाज़ार में तेज गिरावट को रोकने में महत्वपूर्ण है और भारतीय विकास की कहानी में स्थानीय निवेशकों के विश्वास को दर्शाता है।
वैश्विक बाधाएं और FIIs की बिकवाली:
लगातार FIIs की बिकवाली: सितंबर के पहले सप्ताह में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुद्ध बिकवाली की है और काफी पूंजी निकाली है। इसका कारण कई कारकों का संयोजन हो सकता है, जिसमें मजबूत होता अमेरिकी डॉलर, वैश्विक व्यापार तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा संभावित दर कटौती की प्रत्याशा शामिल है। FIIs वहां बेहतर रिटर्न की उम्मीद में या अस्थिर वैश्विक माहौल में अपने पोर्टफोलियो से जोखिम कम करने के लिए अमेरिका में धन वापस भेज सकते हैं।
भू-राजनीतिक अनिश्चितता: बदलती वैश्विक शक्ति संतुलन, विशेष रूप से तनावपूर्ण भारत-अमेरिका संबंध और अमेरिकी व्यापार नीतियों की अप्रत्याशित प्रकृति, अनिश्चितता का एक प्रमुख स्रोत है। यह "रुको और देखो" वाला दृष्टिकोण FIIs के सतर्क रुख का एक प्रमुख कारण है।
तकनीकी विश्लेषण (Technical Analysis) और बाज़ार का दृष्टिकोण
तकनीकी दृष्टिकोण से, भारतीय बाज़ार एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है।
निफ्टी के प्रमुख स्तर: निफ्टी50 इंडेक्स में पिछली तेज गिरावट के बाद वापसी हुई है। यह अपने 21-दिवसीय मूविंग एवरेज (DMA) से ऊपर बंद होने में कामयाब रहा है, लेकिन अपने 50-DMA और एक सिमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न की ऊपरी सीमा के पास प्रतिरोध का सामना कर रहा है।
प्रतिरोध: एक नई रैली के लिए 25,000 के स्तर से ऊपर एक निर्णायक ब्रेकआउट महत्वपूर्ण माना जाता है।
समर्थन: तत्काल समर्थन 24,520 के हालिया स्विंग लो पर है, जिसमें 24,400 और 25,000 के बीच एक व्यापक समर्थन सीमा है।
एकत्रीकरण (Consolidation) की संभावना: कई विश्लेषकों का अनुमान है कि बाज़ार इस सप्ताह इस सीमा के भीतर ही रहेगा, एक स्पष्ट संकेत का इंतजार करेगा ताकि वह ऊपर या नीचे की ओर बढ़ सके।
टाइम-बेस्ड एनालिसिस: कुछ तकनीकी विश्लेषक एक "टाइम-बेस्ड एनालिसिस" मॉडल का उपयोग कर रहे हैं, जो विशिष्ट उच्च-गति वाले दिनों या "इंट्राडे टाइम क्लस्टर" का सुझाव देता है जहां एक स्विंग हाई, लो या ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है। यह विश्लेषण का एक अधिक सट्टा (speculative) रूप है, लेकिन वर्तमान अस्थिरता को नेविगेट करने के लिए एक उपकरण के रूप में इसका हवाला दिया जा रहा है।
वैश्विक बाज़ार का प्रभाव
वैश्विक अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से अमेरिका का स्वास्थ्य, बाज़ार की भावना का एक महत्वपूर्ण चालक बना हुआ है।
अमेरिकी श्रम बाज़ार और फेड नीति: अगस्त में एक आश्चर्यजनक रूप से कमजोर अमेरिकी नौकरियों की रिपोर्ट ने फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना को काफी बढ़ा दिया है।
बाज़ार की प्रतिक्रिया: इस खबर ने शुरू में एक रैली को बढ़ावा दिया क्योंकि इसका मतलब था कि फेड अधिक नरम होगा, लेकिन शुक्रवार को बाद में हुई बिकवाली से पता चलता है कि निवेशक अब अंतर्निहित आर्थिक कमजोरी के बारे में चिंतित हैं, जिसके लिए ऐसी कटौती की आवश्यकता है।
देखने के लिए महत्वपूर्ण डेटा: इस सप्ताह का अमेरिकी मुद्रास्फीति डेटा (PPI और CPI) महत्वपूर्ण होगा। यदि मुद्रास्फीति लगातार चिपचिपी रहती है, तो यह फेड के निर्णय को जटिल बना सकता है, जिससे बाज़ार में और अस्थिरता आ सकती है।
वैश्विक व्यापार नीति की अनिश्चितता: संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने उजागर किया है कि एक "विश्व व्यापार नीति अनिश्चितता सूचकांक" रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया है। यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को प्रभावित कर रहा है, वित्तीय बाज़ारों को परेशान कर रहा है, और निवेशकों के लिए जोखिम का एक स्रोत हो सकता है।
निष्कर्ष में, शेयर बाज़ार एक जटिल माहौल में काम कर रहा है जहां सकारात्मक घरेलू सुधार और मजबूत आर्थिक संकेतक वैश्विक बाधाओं और एक सतर्क विदेशी निवेशक आधार के खिलाफ लड़ रहे हैं। अल्पावधि में बाज़ार की दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि प्रमुख आर्थिक डेटा बिंदु, विशेष रूप से भारत और अमेरिका से मुद्रास्फीति के आंकड़े कैसे सामने आते हैं और क्या एक स्पष्ट तकनीकी
ब्रेकआउट बना रहता है।
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