आज, भारतीय शेयर बाजार में एक और नई कंपनी की एंट्री हुई - विक्रान इंजीनियरिंग। मुंबई की यह कंपनी जो इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में काम करती है, उसने अपने आईपीओ (IPO) के बाद आज BSE और NSE पर अपनी शुरुआत की।
लेकिन, लिस्टिंग के बाद इसका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, जिससे कई नए निवेशक भ्रमित हैं। तो आइए समझते हैं कि विक्रान इंजीनियरिंग की लिस्टिंग क्यों सुस्त रही और निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए।
लिस्टिंग के दिन का हाल
विक्रान इंजीनियरिंग का आईपीओ प्राइस ₹97 प्रति शेयर था। ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में 7% से अधिक की बढ़त का संकेत मिल रहा था, जिससे उम्मीद थी कि लिस्टिंग मजबूत होगी।
लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। शेयर BSE पर 2.78% और NSE पर 2% के मामूली प्रीमियम पर लिस्ट हुआ। लिस्टिंग के तुरंत बाद, इसमें मुनाफावसूली (profit booking) देखी गई, और यह अपने निर्गम मूल्य से भी नीचे आ गया।
सुस्त लिस्टिंग के कारण
बाजार का कमजोर मूड: पिछले कुछ समय से भारतीय बाजार में अस्थिरता (volatility) बनी हुई है। वैश्विक संकेतों और घरेलू बाजार में मुनाफावसूली के कारण, नई लिस्टिंग को बहुत ज्यादा सपोर्ट नहीं मिल पा रहा है।
आईपीओ के प्राइसिंग को लेकर चिंता: कुछ विश्लेषकों का मानना था कि कंपनी का प्राइस बैंड थोड़ा ऊँचा था। ऐसी स्थिति में, अगर बाजार कमजोर हो तो लिस्टिंग के दिन शेयर पर दबाव बनता है।
निवेशकों को अब क्या करना चाहिए?
अगर आपने इस आईपीओ में निवेश किया है, तो यह सवाल आपके मन में जरूर होगा। विशेषज्ञों की राय के अनुसार, आपको घबराने की बजाय कंपनी के मूलभूत सिद्धांतों (fundamentals) पर ध्यान देना चाहिए।
लंबी अवधि का दृष्टिकोण अपनाएँ: विक्रान इंजीनियरिंग एक इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। भारत सरकार का इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान लगातार बढ़ रहा है, जिससे इस सेक्टर में ग्रोथ की अपार संभावनाएँ हैं। कंपनी के पास ₹2,442 करोड़ का एक मजबूत ऑर्डर बुक है, जो इसकी भविष्य की कमाई के लिए एक अच्छा संकेत है।
अल्पकालिक लाभ से बचें: अगर आपने सिर्फ लिस्टिंग गेन के लिए निवेश किया था, तो हो सकता है कि आप निराश हों। लेकिन, लंबी अवधि के लिए कंपनी के पास विकास के कई अवसर हैं।
स्टॉप-लॉस का उपयोग करें: जो निवेशक जोखिम को नियंत्रित करना चाहते हैं, वे ₹89 के स्तर पर स्टॉप-लॉस लगा सकते हैं।
संक्षेप में, विक्रान इंजीनियरिंग की लिस्टिंग भले ही उम्मीद के मुताबिक नहीं रही हो, लेकिन यह एक अच्छी कंपनी लगती है। यदि आप भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं, तो यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन धैर्य और लंबी अवधि के दृष्टिकोण के साथ।
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